एसपी ने बैंक अधिकारियों की बुलाई बैठक: साईबर अपराध होने पर अकाउंट को होल्ड और अनहोल्ड करने के विषय में हुई चर्चा

बैंक अधिकारियों के साथ बैठक करते पुलिस के अधिकारी

दुर्ग जिले के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने मंगलवार को पुलिस कंट्रोल रूम में जिले में संचालित सभी बैंकों के अधिकारियों की बैठक बुलाई। बैठक में उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बुलाया और बैंक व पुलिस के बीच समन्वय बनाने की कोशिश की।

बैठक के दौरान मुख्य रूप से साईबर ठगी के तहत बढ़ते अपराध को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि किस तरह से साईबर अपराध तेजी से बढ़ा है। इसे रोकने के लिए, इससे पीड़ितों को सहायता पहुंचाने को लेकर चर्चा की गई। इसके साथ ही उन्होंने बैंक में गोल्ड लोन देने से पहले गोल्ड की पूरी तस्दीक करने और बैंकों की सुरक्षा के लिए ध्यान देने की हिदायत दी।

बैठक में मौजूद बैंक के अधिकारी

बैठक में मौजूद बैंक के अधिकारी

बैठक में सत्यप्रकाश तिवारी नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर, हरिश पाटिल नगर पुलिस अधीक्षक छावनी, हेम प्रकाश नायक उप पुलिस अधीक्षक काईम, साईबर से जावेद खान सहित बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ बड़ौदा, यूनियन बैंक आफ इंडिया, आईआईएफएल फायनेंसियल बैंक, बैंक आफ महाराष्ट्रा, पंजाब नेशनल बैंक, अपेक्स बैंक, यूकों बैंक, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, साउथ इंडियन बैंक, छ.ग. राज्य ग्रामीण बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, केनरा बैंक, इंडियन बैंक, एचडीएफसी बैंक, सेण्ट्रल बैंक आफ इंडिया, उत्कर्ष बैंक, इण्डस्ट्रीयल बैंक, इण्डसलेण्ड बैंक, भिलाई नागरिक सहकारी बैंक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, छ.ग. गृह को-आपरेटिव्ह, यश बैंक, प्रगति महिला नागरिक सहकारी बैंक, आईडीबीआई बैंक के प्रबंधक उपस्थित थे।

बैंक प्रबंधकों को निम्न निर्देश दिए गए

  • साईबर काईम के अपराधों में पुलिस के साईबर सेल द्वारा चाही गयी जानकारी को समय दें। रकम होल्ड, अनहोल्ड करने संबंधी बैंक की कार्यवाही तेजी से करें, जिससे पीड़ित को राहत मिल सके।
  • एटीएम के फुटेज तत्काल उपलब्ध कराएं। प्रत्येक एटीएम में 24 घण्टे सुरक्षा गार्ड रखा जाए।
  • बैंक के अंदर गमझा या नकाब पहनकर प्रवेश करने वाले ग्राहकों पर सुरक्षा गार्ड के माध्यम से रोक लगायी जाए।
  • पुलिस व्दारा मांगे जाने पर डेली सेटलमेंट रिपोर्ट तथा बेनीफेसरी डिटेल तत्काल उपलब्ध कराई जाए।
  • बैंक शाखाओं में किसी भी ग्राहक के बैंक का खाता होल्ड करने पर इसकी जानकारी पुलिस को दी जाए।
  • साईबर ठगी के अपराधों (सेक्सटार्सन, डिजीटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग आदि) से पीड़ित व्यक्ति के बैंक आने पर उनका हरसंभव सहयोग किया जाए।
  • पुलिस द्वारा फाईनेंसियल व एटीएम ठगी के प्रकरणों में ठगों के खातों में ट्रांसफर रकम को तत्काल होल्ड करें। साथ ही बैंकों में ठगों के खातों की होल्ड राशि को पीड़ितों के खाते में बिना किसी जटिल प्रक्रिया के आसानी से वापस किया जाए।
  • संदिग्ध खातों की जानकारी पुलिस को दी जाए।
  • बैंक की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा बैंक के अंदर, बाहर के साथ ही बैंक के चारों दिशाओं में लगाए जाएं। कैमरा हमेशा चालू रखें और उसका बैकअप डाटा रखें।
  • बैंक का आलर्म सुचारू रूप से कार्य करे इसका पूरा ध्यान दें।
  • सभी बैंकों में गार्ड रखा जाए एवं गार्ड के आर्म्स का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाए।
  • बैंक में फायर सिस्टम लगाया जाए। संदिग्धों की सूचना तत्काल पुलिस को दिया जाए।
  • बैंकों के टेक्नीकल स्टाफ और पुलिस के साईबर सेल के बीच समन्वय स्थापित करके काम करें। इसके लिए सेमीनार का आयोजन भी करें।

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